भारत के कई हिस्सों में, खासकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी छठ पूजा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी माई को समर्पित है, जिसमें श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और मोहाली समेत पंजाब के कई शहरों में घाटों पर सुबह और शाम भक्ति से भरे दृश्य देखने को मिले। महिलाओं ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान पहनकर सूप में फल, गन्ना, केले और दीये रखकर सूर्य देव को अर्पित किए।छठ पूजा चार दिनों तक चलती है — नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य। हर दिन का अपना आध्यात्मिक महत्व होता है। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्पण किया जाता है।प्रशासन की ओर से घाटों पर सफाई, बिजली और सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे। कई सामाजिक संगठनों ने पानी और प्रसाद वितरण की सेवा भी निभाई।छठ पूजा केवल धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ मानव के जुड़ाव का प्रतीक भी है। सूर्य को जीवन का स्रोत मानते हुए लोग उसका धन्यवाद करते हैं। डूबते सूर्य के समय भक्तिभरे चेहरे देखकर लग रहा था कि भले ही समय बदल गया हो, लेकिन आस्था आज भी उतनी ही गहरी है।
छठ पूजा की धूम: सूर्य देव की आराधना से गूंजे घाट












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