दुनिया भर की सेनाएँ इस बात की चेतावनी दे रही हैं कि हथियारबंद होने की बढ़ती ज़रूरत का सीधा संबंध जलवायु अव्यवस्था से है, और यह अब एक बड़ा सुरक्षा खतरा बन चुका है। वास्तव में, सैन्य उपकरणों से होने वाला कार्बन उत्सर्जन बेहद अधिक होता है।संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि बढ़ते सैन्य खर्च वास्तव में जलवायु अव्यवस्था को और तेज़ कर सकते हैं।इसके अलावा, दुनिया भर में संभावित रूप से लंबे समय तक चलने वाले संघर्षों का फैलाव आने वाले भविष्य में और अधिक सैन्य खर्च का संकेत देता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी वृद्धि हो सकती है।कुछ विशेषज्ञों ने यह चिंता भी जताई है कि संसाधनों का उपयोग जलवायु संरक्षण और अनुकूलन की बजाय रक्षा क्षेत्र में किया जा सकता है।
दुनिया भर के देश जिस तरह अपनी सेनाओं को हथियारों से लैस कर रहे हैं, इससे जलवायु के लिए कैसे खतरा पैदा हो सकता है












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