त्योहारों के मौसम में ड्राई फ्रूट्स की बिक्री जोरों पर रहती है, लेकिन इसी दौरान बाजार में मिलावटी सूखे मेवों की भरमार भी देखने को मिलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि गलत तरीके से तैयार या पॉलिश किए गए ड्राई फ्रूट्स से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार, कई व्यापारी ड्राई फ्रूट्स को आकर्षक दिखाने के लिए उन पर केमिकल, कृत्रिम रंग या तेल का इस्तेमाल करते हैं। इससे न केवल उनका स्वाद बिगड़ता है बल्कि ये पाचन तंत्र, लीवर और किडनी पर भी बुरा असर डाल सकते हैं।
👉 ऐसे करें असली और नकली ड्राई फ्रूट्स की पहचान
रंग और चमक देखें: अगर ड्राई फ्रूट्स बहुत ज्यादा चमकीले या रंगीन लगें, तो उनमें मिलावट हो सकती है।
पानी में डालें: कुछ मिनट पानी में रखने पर अगर रंग निकलने लगे तो समझिए उनमें कृत्रिम रंग डाला गया है।
खुशबू और स्वाद परखें: असली मेवों की खुशबू प्राकृतिक होती है, जबकि मिलावटी मेवों से केमिकल जैसी गंध आती है।
ब्रांडेड उत्पाद लें: खरीदारी करते वक्त हमेशा पैक्ड और FSSAI प्रमाणित उत्पाद ही चुनें।
खाद्य विभाग ने लोगों को अपील की है कि वे खुले में बिकने वाले मेवों से बचें और खरीदारी के समय बिल अवश्य लें, ताकि शिकायत होने पर कार्यवाही की जा सके।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि “थोड़ी सी सतर्कता से हम न केवल मिलावट से बच सकते हैं बल्कि त्योहारों का स्वाद भी सुरक्षित रख सकते हैं।”












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